धोखाधड़ी मामले की जांच कर रही एसआईटी ने खुसरो कॉलेज के पूर्व प्राचार्य कामिल हसन से पूछताछ की। पूछताछ में जैदी के प्राचार्य रहने के दौरान ही छात्र-छात्राओं से फीस के नाम पर रकम वसूलकर फर्जी प्रमाणपत्र बांटे जाने की पुष्टि हुई है।
डी फार्मा के फर्जी एडमिशन के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले खुसरो कॉलेज के एमडी शेर अली जाफरी के खिलाफ अब तक चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। वह अपना घर छोड़कर फरार हो गए हैं। गनर ने पुलिस लाइन में आमद करा दी है
बरेली में रुपये वसूलकर फर्जी डिग्री देने के मामले में खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी और पूर्व प्राचार्य कामिल हसन जैदी पर शिकंजा कसता जा रहा है। सीबीगंज थाने में एसआईटी ने कामिल हसन से सोमवार को चार घंटे तक पूछताछ की। पीड़ित छात्र-छात्राओं के बयान भी दर्ज किए गए।
पूछताछ में कामिल ने बताया कि डीफार्मा कोर्स के नाम पर 379 छात्र-छात्राओं से 3.69 करोड़ रुपये वसूलने के बाद उन्हें फर्जी प्रमाणपत्र दे दिए गए। कई बिंदुओं पर पूर्व प्राचार्य ने एसआईटी को गुमराह करने की कोशिश भी की। सुबह 11 बजे एसआईटी और एसओजी सीबीगंज के गांव सनईया रानी स्थित खुसरो कॉलेज पहुंचीं। वहां से शेर अली और कामिल हसन को हिरासत में ले लिया।
एक टीम शेर अली को लेकर एसएसपी अनुराग आर्य के पास पहुंची। पूछताछ में शेर अली ने उन्हें भी गुमराह करने की कोशिश की। एसएसपी ने उसे ऑफलाइन जमा किए गए शुल्क की रसीदों की फोटोकॉपी, डीफार्मा में प्रवेश शुरू होने से लेकर अब तक की डे-बुक समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
जांच भटकाने के लिए दूसरे को बना दिया प्राचार्य
एसआईटी की जांच में कामिल हसन जैदी के प्राचार्य रहने के दौरान ही छात्र-छात्राओं से फीस के नाम पर रकम वसूलकर फर्जी प्रमाणपत्र बांटे जाने की पुष्टि हो रही है। जांच को भटकाने की नीयत से ही खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी ने दो माह पहले कामिल हसन जैदी की जगह विश्वनाथ शर्मा को प्राचार्य का चार्ज दे दिया था। साथ ही, अपने बचाव का रास्ता तैयार करने के लिए विजय शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।
आरोपी शुरुआत से ही जांच की दिशा को भटकाने की कोशिश करते रहे। उनकी इस कोशिश में सीबीगंज थाने के कई पुलिसकर्मी भी भागीदार रहे। अब एसआईटी की जांच में एक-एक कर राज उजागर हो रहे हैं। यह भी पता चला है कि डी फार्मा के नाम पर तीन सत्रों में छात्र-छात्राओं से वसूली की गई। उनसे मोटी रकम वसूलकर उनको फर्जी डिग्री थमा दी गई। एसआईटी जांच के दौरान कई और तथ्य भी सामने आए हैं।
जाफरी के बेटे को दी थी रकम : पूर्व प्राचार्य
एसआईटी की पूछताछ में पूर्व प्राचार्य कामिल हसन जैदी ने बताया कि डीफार्मा के छात्र-छात्राओं से वसूली के बाद उसने पूरी रकम शेर अली जाफरी के बेटे को दे दी थी। उसने खुद को निर्दोष बताते हुए तीनों शैक्षिक सत्र में कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का विवरण व उनसे वसूली गई रकम का ब्योरा जांच टीम को उपलब्ध कराया है।
एसपी साउथ मानुष पारीक ने बताया कि खुसरो कॉलेज के पूर्व प्राचार्य कामिल हसन जैदी को सीबीगंज थाने बुलाकर एसआईटी ने पूछताछ की है। उसने अपनी सफाई में कुछ दस्तावेज दिए हैं। जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। जांच पूरी कर जल्द ही रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी जाएगी।
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स्रोत Amarujala
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